Enjoy listening to Shiva Tandava Stotram (शिवताण्डवस्तोत्रम्) - With Lyrics . Most powerful and energetic Lord Shiv Tandav Strotram By Artha.<br /><br />देखिए भगवान शिव के तांडव स्त्रोत्र को हिंदी लिरिक्स के साथ |<br /><br />Don't forget to Share, Like & Comment on this video<br /><br />Subscribe Our Channel Artha : https://goo.gl/22PtcY <br /><br />जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले<br />गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।<br />डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं<br />चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥<br /><br />जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी_<br />विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।<br />धगद्धगद्धगज्जलल्ललाटपट्टपावके<br />किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥<br /><br />ॐ....... नमः शिवाय <br /><br />धराधरेन्द्रनन्दिनीविलासबन्धुबन्धुर<br />स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।<br />कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि<br />क्वचिद्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥<br /><br />जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा<br />कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।<br />मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे<br />मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥<br /><br />ॐ....... नमः शिवाय <br /><br /><br />सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर_<br />प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।<br />भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटकः<br />श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥<br /><br />ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा_ <br />निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।<br />सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं<br />महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥<br /><br />ॐ....... नमः शिवाय <br /><br />करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वलद्_<br />धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।<br />धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक<br />प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥<br /><br />नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्_<br />कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।<br />निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः<br />कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥<br /><br />ॐ....... नमः शिवाय <br /><br /><br />प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा_<br />वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।<br />स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं<br />गजच्छिदान्धकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥९॥<br /><br />अखर्वसर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी_<br />रसप्रवाहमाधुरीविजृम्भणामधुव्रतम् ।<br />स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं<br />गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥१०॥<br /><br />ॐ....... नमः शिवाय <br /><br />जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वसद्_<br />विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।<br />धिमिद?